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    प्राचार्य

    ए के चन्द्राकर

    ए के चन्द्राकर

    स्वामी विवेकानन्द का मानना ​​था, “शिक्षा मनुष्य में पहले से मौजूद पूर्णता की अभिव्यक्ति है”। पृथ्वी पर जन्म लेने वाले प्रत्येक बच्चे में बेहतर जीवन जीने की क्षमता होती है। शिक्षा बच्चे को पृथ्वी पर सर्वश्रेष्ठ इंसान बनाती है। भाईचारा विकसित करना और शांतिपूर्वक रहना विश्व को ब्रह्मांड की सर्वोत्तम स्थिति प्रदान करता है। हमारा उद्देश्य अकादमिक उत्कृष्टता के अलावा अच्छे चरित्र, अच्छे स्वास्थ्य, उचित कौशल और वांछनीय गुणों वाले अच्छे नागरिकों का निर्माण करना है। हमारे बच्चों को सर्वोत्तम शिक्षण वातावरण प्रदान करने के इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए माता-पिता, शिक्षकों और प्रशासकों को मिलकर काम करना चाहिए। हम सभी अपने छात्रों को आत्मविश्वास और सफलता के साथ जीवन की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बनाने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे। इस प्रतिष्ठित संगठन केन्द्रीय विद्यालय संगठन में सेवा करना मेरे लिए बेहद खुशी की बात है, क्योंकि केन्द्रीय विद्यालय बच्चों को सर्वोत्तम शिक्षा प्रदान करता है। बहुभाषी जनता की विविध पृष्ठभूमि के साथ स्थापित, भारत में बच्चों को एक छत के नीचे लाया जाता है। यहां बच्चों ने देखभाल करना, साझा करना, चुनौतियों से पार पाना, कड़ी मेहनत करना और उन्हें सौंपे गए कार्य क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करना सीखा है। उनका कार्य विद्यालय स्तर पर पूरा नहीं होता, बल्कि जीवन में चलता रहता है। जीवन के पाठों की नींव स्कूल में मजबूती से रखी जाती है जो उन्हें भविष्य में एक आत्मविश्वासपूर्ण जीवन जीने में सक्षम बनाती है।